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आपके लिए भी मौका! Manufacturing में ये नया ट्रेंड आपके लिए फायदेमंद

भारत के Manufacturing Vision का परिचय

दिल्ली में हुए CII Annual Business Summit 2024 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के Manufacturing के भविष्य को लेकर एक ज़बरदस्त विजन पेश किया. उन्होंने बताया कि सर्विसेज के साथ-साथ Manufacturing सेक्टर देश की इकोनॉमी को ग्रोथ देने में कितना अहम रोल अदा कर सकता है. उन्होंने अपने भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि Manufacturing को मजबूत करने के लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट और सरकार का मजबूत सपोर्ट चाहिए.

Manufacturing Vision
Manufacturing Vision

Manufacturing क्षमता को बढ़ाना

पॉलिसी सपोर्ट और ग्लोबल वैल्यू चेंस

सीतारमण जी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ग्लोबल Manufacturing वैल्यू चेंस में भारत की मौजूदगी बढ़ाने के लिए, देश को ज़्यादा एडवांस Manufacturing प्रोसेसेस अपनाने होंगे. उन्होंने इस बदलाव को लाने के लिए स्ट्रैटेजिक पॉलिसी सपोर्ट की मांग की. उनके मुताबिक, ऐसी पॉलिसीज़ न सिर्फ भारतीय प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और कॉम्पिटिटिवनेस बढ़ाएंगी, बल्कि ग्लोबल मार्केट्स में भी भारत को बेहतर तरीके से इंटीग्रेट होने में मदद करेंगी.

एडवांस Manufacturing में इन्वेस्टमेंट

वित्त मंत्री ने आधुनिक Manufacturing technology और processes की अहमियत बताई. उन्होंने कहा कि इस तरीके से अपनाने से भारत को ग्लोबल वैल्यू चेंस में ज्यादा शेयर हासिल करने में मदद मिलेगी, जिससे आर्थिक ग्रोथ और मजबूती बढ़ेगी.

अनुमानित आर्थिक योगदान

IMF और S&P ग्रोथ प्रोजेक्शन्स

सीतारमण जी ने IMF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2023 से 2028 के बीच भारत ग्लोबल ग्रोथ में 18 प्रतिशत का योगदान देने की ओर अग्रसर है. ये पीरियड काफी डायनामिक रहने वाला है, जिसमें भारत के आर्थिक परिदृश्य में काफी तरक्की देखने को मिलेगी.

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इसके अलावा, उन्होंने S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस का भी जिक्र किया, जिसने भारत के कंज्यूमर मार्केट में भारी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. 2031 तक, कंज्यूमर मार्केट दोगुना हो सकता है, जो 2.9 ट्रिलियन डॉलर का अवसर पेश करता है. सिर्फ फूड पर होने वाला कंज्यूमर स्पेंडिंग 1.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो इस सेक्टर में एक ट्रिलियन डॉलर के अवसर को दर्शाता है.

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फाइनेंशियल सर्विसेज और कंज्यूमर मार्केट्स

सीतारमण जी ने भारत के फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में ग्रोथ की संभावनाओं को भी बताया. एसएंडपी की रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनेंशियल सर्विसेज पर होने वाला खर्च 670 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो 390 बिलियन डॉलर का अवसर दर्शाता है. ये ऐसे सेक्टर हैं, जिनका अभी पूरी तरह से फायदा नहीं उठाया गया है और ये अर्थव्यवस्था के लिए काफी ग्रोथ

ग्रीन एनर्जी और जॉब क्रिएशन

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुमान

वित्त मंत्री ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुमानों का भी जिक्र किया, जिसने 2030 तक भारत में ग्रीन एनर्जी से 50 मिलियन नेट नए जॉब क्रिएट होने का अनुमान लगाया है. इस सेक्टर का आर्थिक प्रभाव 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें सोलर एनर्जी जॉब क्रिएशन में अहम भूमिका निभाएगी.

फाइनेंशियल सेक्टर में सुधार

ट्विन बैलेंस शीट प्रॉब्लम का समाधान

सीतारमण जी ने ट्विन बैलेंस शीट प्रॉब्लम के समाधान पर भी ज़ोर दिया. ये एक बड़ी समस्या थी, जहां बढ़ते हुए नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) और बकाया भुगतान के कारण बैंक और कॉर्पोरेट दोनों परेशानी में थे. उन्होंने बताया कि न सिर्फ कॉर्पोरेट और फाइनेंशियल सेक्टर के बैलेंस शीट में सुधार हुआ है, बल्कि अब वो आर्थिक ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए एक अनुकूल स्थिति में हैं.

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सीआईआई समिट में चर्चा के विषय

व्यापक फोकस क्षेत्र

सीआईआई एनुअल बिजनेस समिट 2024 ने छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा को बढ़ावा दिया: ग्रोथ और डेवलपमेंट, ग्रीन इकोनॉमी, भारत और दुनिया, एडवांस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन, एम्प्लॉयमेंट और लाइवलीहुड, और स्टार्टअप्स और न्यू एज बिजनेसेस. इन क्षेत्रों ने भारत की आर्थिक और टेक्नोलॉजical तरक्की को आगे बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर गहन चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया.

निष्कर्ष

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का CII Annual Business Summit 2024 में दिया गया भाषण भारत के Manufacturing सेक्टर को मजबूत बनाने के महत्व को रेखांकित करता है. स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट, पॉलिसी सपोर्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी पर फोकस करने के साथ, भारत ग्लोबल Manufacturing में अपनी मौजूदगी को काफी मजबूत बनाने के लिए तैयार है. अनुमानित आर्थिक योगदान और जॉब क्रिएशन के अवसर भारत के उस गतिशील ग्रोथ फेज को रेखांकित करते हैं, जो देश के मजबूत और रेजिलिएंट भविष्य का वादा करता है.

इन सभी मुख्य क्षेत्रों पर ज़ोर देकर भारत खुद को एक ग्लोबल आर्थिक ताकत के रूप में स्थापित कर सकता है, जो मजबूत Manufacturing सेक्टर और व्यापक पॉलिसी फ्रेमवर्क के सहारे आगे बढ़ेगा.

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