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आज २३ जुलाई Budget का दिन : Nirmala Sitharaman से मुख्य घोषणाओं की उम्मीद

आज २३ जुलाई Budget का दिन : Nirmala Sitharaman – दोस्त, सोचो क्या मस्त टाइम है अभी! मोदी 3.0 का पहला Budget आ रहा है और हमारे पास फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman से बहुत सारी उम्मीदें हैं।

ये Budget बहुत खास होने वाला है क्योंकि विपक्ष भी अपनी नजरें गड़ाए बैठा है, खासकर नौकरी और महंगाई को लेकर।

प्री-बजट इकोनॉमिक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि 2025 के वित्तीय वर्ष में हमारी ग्रोथ रेट 6.5-7 प्रतिशत रहेगी। तो चलो, देखते हैं इस ऐतिहासिक Budget में हमें क्या-क्या देखने को मिल सकता है।

Nirmala Sitharaman Budget
Nirmala Sitharaman Budget – Image from Pinterest

मैन्युफैक्चरिंग और लोकल प्रोक्योरमेंट के लिए टैक्स इंसेंटिव्स

अपनी सातवीं Budget प्रेजेंटेशन में, सीतारमण जी से उम्मीद है कि वो नए मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज को बढ़ावा देने के लिए अच्छे खासे टैक्स इंसेंटिव्स लेकर आएंगी।

ये इंसेंटिव्स लोकल प्रोक्योरमेंट को बढ़ावा देंगे, जिससे कई सारे नए जॉब्स भी बनेंगे। ये कदम बहुत जरूरी है क्योंकि हमारे लिए रोजगार की कमी एक बड़ी समस्या रही है।

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मिडल-क्लास के लिए टैक्स रिलीफ: हाई-स्टेक्स अनाउंसमेंट

मिडल क्लास भी इस बजट से बहुत सारी उम्मीदें लगाए बैठा है। प्री-इलेक्शन इंटरिम बजट में तो उन्हें कुछ खास नहीं मिला, लेकिन इस बार शायद सीतारमण जी उनकी सुन लें।

अगर मिडल क्लास के लिए टैक्स रिलीफ आता है तो ये पब्लिक सैटिस्फैक्शन और पॉलिटिकल स्टेबिलिटी के लिए बहुत अहम हो सकता है।

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फिस्कल डेफिसिट प्रोजेक्शन्स

बजटेड फिस्कल डेफिसिट 4.5 प्रतिशत पर है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के 5.8 प्रतिशत से काफी बेहतर है। पूरा बजट और भी अच्छे फिस्कल डेफिसिट प्रोजेक्शन्स दिखा सकता है, जिससे सरकार की फिस्कल प्रूडेंस साफ झलकेगी।

फिस्कल डेफिसिट का मतलब होता है सरकार का खर्च और उसकी इनकम का अंतर, जो इकोनॉमिक हेल्थ का एक मुख्य इंडिकेटर है।

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: एक प्रमुख फोकस

मोदी सरकार हमेशा से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को प्राथमिकता देती आई है। इस साल का कैपिटल एक्सपेंडिचर ₹11.1 लाख करोड़ है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के ₹9.5 लाख करोड़ से काफी ज्यादा है।

सरकार का ये पुश और राज्यों को भी उनके कैपेक्स बढ़ाने के लिए इंसेंटिव्स देना बताता है कि वो मजबूत नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।

MSMEs को बढ़ावा देना

सीतारमण जी ने संकेत दिए हैं कि MSMEs को इनविगोरेट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।

डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में MSMEs के लिए ग्रोथ अपॉर्चुनिटीज काफी प्रॉमिसिंग हैं। इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

विपक्ष का रुख और संभावित चुनौतियाँ

जुलाई 30 को ये यूनियन Budget 2024 पास होने जा रहा है और विपक्ष के नेताओं से काफी डिबेट और स्क्रूटनी की उम्मीद है। प्राइस राइज, बेरोजगारी, और महत्वपूर्ण सेक्टर्स में ग्रोथ की कमी जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।

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कृषि संकट भी एक बड़ा चिंता का विषय है। कांग्रेस पार्टी के चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी नेताओं ने इकोनॉमिक सर्वे की आलोचना की है और कहा है कि ये सिर्फ डेटा को चुन-चुन कर पेश किया गया है ताकि सरकार की असफलताएं छिपाई जा सकें।

पीएम मोदी का आर्थिक सुधारों का बचाव

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इकोनॉमिक सर्वे का बचाव किया है, इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और उनकी सरकार के सुधारों के सकारात्मक परिणामों का प्रमाण बताया है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि सर्वे ने ग्रोथ के और भी क्षेत्रों को पहचाना है, जिससे भारत ‘विकसित भारत’ बनने की ओर आगे बढ़ रहा है।

2024 और 2025 के लिए आर्थिक दृष्टिकोण

2024 और 2025 के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है।

ये आशावादी पूर्वानुमान मुख्य रूप से सरकारी खर्च के कारण है, न कि घरेलू खपत या निर्यात के कारण। इंफ्रास्ट्रक्चर और MSMEs में सरकार का स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट इस ग्रोथ ट्रेजेक्टरी को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

मोदी 3.0 का पहला यूनियन बजट, जिसे वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman पेश करेंगी, भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक निर्णायक क्षण है।

टैक्स इंसेंटिव्स, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस, और MSMEs को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण उपायों के साथ, ये बजट जॉब क्रिएशन और फिस्कल डेफिसिट रिडक्शन जैसे मुद्दों का समाधान करने का प्रयास करेगा।

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जैसे-जैसे हम इन घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं, उम्मीदें और दांव दोनों बहुत ऊँचे हैं।

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