Tata का असम में Semiconductor Plant सपना: 27,000 करोड़ का बड़ा दांव

  • Tata का असम में Semiconductor Plant: क्या यह गेम-चेंजर साबित होगा?
  • असम में उगेगा भारत का सिलिकॉन वैली? TATA का बड़ा निवेश
  • Tata का असम को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैप पर लाने का मिशन
TATA Semiconductor Plant
TATA Semiconductor Plant

Tata Electronics का असम में Semiconductor Plant के लिए भव्य समारोह

Tata Group की असम में रणनीतिक विस्तार

3 अगस्त को Tata Electronics ने जगिरोड, असम में अपने अत्याधुनिक चिप असेंबली और टेस्टिंग यूनिट का ‘भू‍मि पूजन’ कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।

इस महत्वपूर्ण समारोह में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शिरकत की।

इस सुविधा की स्थापना के लिए 27,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया गया है, जो Tata Group की स्थानीय अर्थव्यवस्था और औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

निवेश और रोजगार के अवसर

नया Semiconductor Plant असम के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा, जिससे 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह विकास भारत में एक भविष्य-तैयार और ज्ञान-आधारित इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला बनाने की व्यापक दृष्टि के अनुरूप है।

चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने में मुख्यमंत्री सरमा और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने असम को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन इकोसिस्टम में ले जाने के लिए Tata Group की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।

वैश्विक सप्लाई चेन में असम की स्थिति को मजबूत करना

Tata Group का असम में निवेश भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।

यह परियोजना केवल एक अलग उद्यम नहीं है, बल्कि एक व्यापक पहल का हिस्सा है जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा फरवरी में मंजूर किए गए तीन Semiconductor Plant शामिल हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत 1.26 लाख करोड़ रुपये है।

इनमें से, गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट 91,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्रमुख है, जो Tata Electronics और ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (PSMC) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

उत्तर-पूर्व भारत में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना

जगिरोड सुविधा का निर्माण इस वर्ष शुरू होने वाला है, और पहला चरण 2025 के मध्य तक चालू होने की उम्मीद है।

यह समयरेखा उत्तर-पूर्व भारत में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए Tata Group के आक्रामक दृष्टिकोण को दर्शाती है। इस परियोजना का क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जो तकनीकी नवाचार और औद्योगिक विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाएगा।

असम के प्रति Tata Group की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता

Tata Group का असम के साथ एक लंबे समय से संबंध है, जिसमें राज्य में विभिन्न उद्योगों में 60,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।

नया सेमीकंडक्टर सुविधा इस स्थायी साझेदारी का प्रमाण है। पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने इन निवेशों की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर किया, असम में कैंसर देखभाल को आगे बढ़ाने के समूह के प्रयासों के साथ समानता बताते हुए।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि Semiconductor Plant असम को उन्नत सेमीकंडक्टर विनिर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा और राज्य को वैश्विक मानचित्र पर रखेगा।

परियोजना के पीछे दूरदर्शी नेतृत्व

इस महत्वाकांक्षी परियोजना की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के सहायक शासन को जाता है।

उनके संयुक्त प्रयासों ने ऐसे बड़े पैमाने पर निवेशों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Tata Group की पहल क्षेत्र में औद्योगिक और तकनीकी प्रगति के लिए मार्ग प्रशस्त करने की उम्मीद है।

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निष्कर्ष

असम में Tata Electronics के चिप असेंबली और टेस्टिंग प्लांट की आधारशिला असम के औद्योगिक परिदृश्य के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

महत्वपूर्ण निवेश और अनेकों रोजगार के अवसरों के वादे के साथ, यह परियोजना असम को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र में बदलने के लिए तैयार है।

टाटा ग्रुप और राज्य एवं केंद्रीय सरकारों के सहयोगात्मक प्रयास आर्थिक विकास और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की क्षमता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

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