नोएडा इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम: MSMEs के लिए नया अवसर

E-Auction – नोएडा अथॉरिटी ने माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) को बढ़ावा देने के लिए एक नई इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम का ऐलान किया है। यह स्कीम उत्तर प्रदेश सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है जो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे में इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के आवंटन को आसान और पारदर्शी बनाना चाहती है।
इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम के मुख्य बिंदु
- E-Auction प्रक्रिया: प्लॉट्स का आवंटन ऑनलाइन बोली (बिडिंग) के ज़रिए होगा, जिससे पारदर्शिता रहेगी।
- अलग-अलग साइज़ के प्लॉट: फेज 1 में 200 वर्ग मीटर से लेकर 7,500 वर्ग मीटर तक के प्लॉट उपलब्ध होंगे।
- स्ट्रैटेजिक लोकेशन: प्लॉट नोएडा के सेक्टर 7, 8, 10, 62, 80 और 164 में होंगे।
- कुल ज़मीन: लगभग 60,000 वर्ग मीटर ज़मीन इस स्कीम के तहत दी जाएगी।
- स्टैंडर्ड पॉलिसी: 26 दिसंबर 2024 की गाइडलाइन के मुताबिक, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटीज ने आवंटन की एक जैसी प्रक्रिया अपनाई है।
प्लॉट आवंटन प्रक्रिया: स्टेप बाय स्टेप
- रजिस्ट्रेशन और आवेदन: इच्छुक खरीदारों को E-Auction पोर्टल पर रजिस्टर करके ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
- डिपॉज़िट: ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए रिज़र्व प्राइस का 10% डिपॉज़िट देना होगा।
- बिडिंग: प्लॉट्स के लिए रियल-टाइम ऑनलाइन बोली लगाई जाएगी।
- जीतने के बाद: सफल बिडर को तुरंत प्लॉट की कुल कीमत का 30% देना होगा। बाकी रकम किश्तों में भरी जा सकती है।
- प्लॉट का कब्ज़ा: पूरी पेमेंट के बाद अथॉरिटी कागज़ात पूरे करके प्लॉट हस्तांतरित करेगी।
लोकेशन और सेक्टर-वाइज़ जानकारी
नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर्स का चुनाव इन्फ्रास्ट्रक्चर और बिज़नेस हब्स के आसपास किया है:
सेक्टर | खास बात |
7 | मेट्रो और एक्सप्रेसवे के पास |
8 | छोटे उद्योगों के लिए |
10 | लॉजिस्टिक्स हब्स से आसान पहुंच |
62 | IT और टेक-बेस्ड इंडस्ट्रीज |
80 | मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए बेस्ट |
164 | बड़े इंडस्ट्रियल सेटअप्स |
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
- भारत में रजिस्टर्ड बिज़नेस होना ज़रूरी।
- MSMEs को प्राथमिकता, बशर्ते उनके पास क्लियर इंडस्ट्रियल प्लान हो।
| स्पेक्युलेटिव निवेश करने वालों को अयोग्य घोषित किया जाएगा।
| 8,000 वर्ग मीटर तक के प्लॉट्स सिर्फ E-Auction से दिए जाएंगे।
| बड़े प्लॉट्स के लिए इंटरव्यू-बेस्ड सिलेक्शन होगा।
सरकार का फोकस: पारदर्शिता और ग्रोथ
नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज ने पारदर्शिता पर ज़ोर दिया है। UP के चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह (जो इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर भी हैं) ने कहा है कि आवंटन प्रक्रिया निष्पक्ष और स्ट्रक्चर्ड होगी।
इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया और आगे की योजनाएं
कुछ इंडस्ट्री ग्रुप्स ने 2,000 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट्स के लिए लॉटरी सिस्टम का सुझाव दिया है। लेकिन अथॉरिटी E-Auction प्रक्रिया पर अडिग है। साथ ही, नोएडा अथॉरिटी भविष्य के लिए और खाली इंडस्ट्रियल प्लॉट्स चिन्हित कर रही है, ताकि MSMEs और बड़े उद्योगों को मौके मिलते रहें।
समापन
नोएडा की यह इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम बिज़नेसेज के लिए प्राइम लोकेशन पर ज़मीन पाने का सुनहरा मौका है। E-Auction की पारदर्शी प्रक्रिया और आसान पेमेंट प्लान के साथ, यह स्कीम नोएडा में इंडस्ट्रियल ग्रोथ को तेज़ करेगी। MSMEs और अन्य उद्योगों को नोएडा अथॉरिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपडेट्स चेक करते रहना चाहिए।